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श्रीकृष्ण ने बताये कलियुग के 5 सत्य | Truth of Kalyuga by lord krishna

Truth of Kalyuga by lord krishna

दोस्तों क्या आप श्रीकृष्ण के बताये कलियुग के 5 सत्य के बारेमे जानना चाहते हो ? तो आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके। भगवान् श्रीकृष्ण ने द्वापरयुग में ही कलयुग का वर्णन कर दिया था की कलयुग में लोगो का जीवन केसा होगा दोस्तों इस कहानी में हम कलयुग की वह पांच बांटे प्रस्तुत करेंगे जो भगवान् श्रीकृष्ण ने पांडवो को बताई थी और उस बांटो से सीख लेकर हम अपने जीवन में भी कुछ आवशयक बदलाव ला सकते हे|

तो दोस्तों आइये जानते हे उस कथा के बारेमे

भगवान् श्री कृष्ण ने पांडवो को बताए थे कलयुग ये 5 कड़वे सत्य

जुए में छल से सबकुछ हारने के बाद जब पांडव वन में जा रहे थे | तभी सहदेव ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा की – हमने तो ऐसा कोई बड़ा पाप नहीं किया फिर भी हमें इतना बड़ा दंड क्यों ?” तब श्री कृष्ण ने कहा – “प्रिय सहदेव! द्वापरयुग अपने अंतिम चरण पर है। ये सब जो हो रहा है वह आने वाले कलियुग का प्रभाव है।”

इसपर युधिष्ठिर ने आश्चर्य से भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा की – हे वासुदेव! कलियुग तो अभी आया भी नहीं है और उसका इतना भयंकर परिणाम क्यों ? जब कलियुग आरम्भ हो जाएगा तो क्या होगा?भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा “आप सभी भाई वन में जाइये और वहा जो कुछ भी दिखे आकर मुझे विस्तार से बताना होगा | उसी आधार पर मैं आपको कलियुग की गति के बारे मे बता पाउँगा भगवान् श्रीकृष्ण के ऐसा कहने पर पाँचों भाई वन में अलग-अलग दिशा में चले दिए। पांचो भाई वन में जाकर वापस लौटे तो आश्चर्य से भरे हुए थे।

युधिष्ठिर के प्रश्न का उत्तर दिया भगवान् श्रीकृष्ण ने

भगवान् श्रीकृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा “अब आप लोग बताइये कि आपने क्या-क्या देखा” सबसे पहले युधिष्ठिर ने बताया कि हे योगेश्वर ! मैंने एक दो सूंड(हाथी) वाले गज को देखा। इसका क्या अर्थ है?”

तब भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा – इसका अर्थ यह है कि कलियुग में ऐसे लोगों का राज्य होगा, जो दोनों ओर से शोषण करेंगे। बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ और। मन में कुछ और कर्म में कुछ और। ऐसे ही लोगों का राज्य होगा।

उसके बाद महाबली भीम ने कहा – हे वासुदेव मेने एक गाय(cow) को देखा जो अपने बच्चे को इतना चाट रही थी  कि वह बच्चा लहु-लुहान हो गया।इस प्रश्न का उत्तर देते हुए श्री कृष्ण ने कहा “- इसका अर्थ ये है कि कलियुग का मनुष्य अपने बच्चो को आवश्यकता से अधिक लाड प्यार करेगा। उनकी अपने संतानों के प्रति माया और ममता इतनी बढ़ जाएगी कि उनकी संतानों को अपने विकास का अवसर ही नहीं मिलेगा। कलयुग में मातापिता अपनी सन्तानो को परिवार की मोह-माया में बांधकर रखेंगे जिसके कारन उनका घर बर्बाद हो जायेगा |

मोह-माया में ही घर बर्बाद हो जाएगा। किसी दूसरे का बेटा घर छोड़कर साधु बनेगा तो हजारों व्यक्ति उनके दर्शन करेंगे किंतु यदि अपना ही बेटा साधु बनता होगा तो रोएंगे कि मेरे बेटे का क्या होगा? उसने क्या कर लिया इतनी माता पिता की इतनी सारी ममता होगी, कि उसे मोह-माया और परिवार में ही बांधकर रखेंगे और उसका जीवन वहीं खत्म हो जाएगा। अंत में बेचारा अनाथ होकर मरेगा।”

अर्जुन के प्रश्न का उत्तर दिया भगवान् श्रीकृष्ण ने

अर्जुन ने कहा कि “हे योगेश्वर ! मैंने जो देखा वह तो इससे भी कहीं अधिक आश्चर्यजनक था। मैंने देखा कि एक पक्षी के पंखों पर वेद की ऋचाएं लिखी हुई थी ,और वह पक्षी एक मुर्दे का मांस खा रहा था। इसका क्या अर्थ है?”इस पर भगवान् श्री कृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा की कलियुग में ऐसे लोग होंगे जो बड़े ज्ञानी और ध्यानी कहलाएंगे। वे ज्ञान की चर्चा तो करेंगे लेकिन उनके आचरण राक्षसी होंगे। बड़े पंडित एवं विद्वान कहलाएंगे किंतु वे यही देखते रहेंगे, कि कौन-सा मनुष्य मर जाये और हमारे नाम से संपत्ति कर जाए। चाहे कितने भी बड़े लोग होंगे किंतु उनकी दृष्टि दूसरे के धन और पद के ऊपर (मांस के ऊपर) ही रहेगी।। सत्पुरुष तो बहुत ही कम दिखेंगे

नकुल के प्रश्न का उत्तर दिया भगवान् श्रीकृष्ण ने

नकुल ने कहा भैया! मैंने देखा कि एक बहुत बड़ी चट्टान पर्वत से गिरी उसे बड़े से बड़े वृक्ष भी उसे नहीं रोक पाए | किन्तु एक अत्यंत छोटे से पौधे का स्पर्श होते ही वह चट्टान वही पर स्थिर हो गई।”

इसका अर्थ बताते हुए भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा – कलियुग में मनुष्य की बुद्धि क्षीण हो जाएगी और उसका जीवन पतन हो जायेगा | और उस पतन को धन और बड़े बड़े सत्ता रूपी वृक्ष रोकने में असक्षम होंगे किंतु हरि नाम के एक छोटे से पौधे से मनुष्य जीवन का पतन होना रुक जाएगा। अतः कलियुग में हरि-नाम ही मोक्ष और मुक्ति का एक मात्र मार्ग होगा।

सहदेव के प्रश्न का उत्तर दिया भगवान् श्रीकृष्ण ने

सबसे अंत में सहदेव ने कहा “हे मधुसूदन! मैंने देखा कि छह-सात कुएं थे, और आसपास के कुओं में पानी है किंतु बीच का कुआं खाली है। बीच का कुआं गहरा है फिर भी पानी नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है और इसका क्या अर्थ है?”

इसपर भगवान् श्रीकृष्ण बोले – कलियुग में धनि लोग लड़के-लड़की के विवाह में छोटे-बड़े महा उत्सवों में सत्ता के लालच में बहोत ज्यादा पैसा खर्च कर देंगे | किन्तु अगर किसी भूखे को देखेंगे तो उनकी सहायता करने में किसी व्यक्ति को कोई रूचि नहीं होगी उनका अपना ही सगा भूख से मरेगा फिर भी वह लोग उसे देखते रहेंगे। दूसरी और मौज-मस्ती, मदिरा पान मांस-खाना, सुंदरता यौवन और व्यसन में पैसे उड़ा देंगे किंतु किसी के दो आंसू पोंछने में किसीको कोई रुचि नही होगी। कहने का तात्पर्य यह हे कि कलियुग में अन्न के भंडार होंगे लेकिन लोग भूख से मर जायँगे

कलयुग के 5 सत्य

लेकिन जो लोग ऐसी आदतों से दूर रहेंगे उस पर कलयुग का नहीं बल्कि परमात्मा का प्रभाव होगा

तो दोस्तों ये हे कलयुग के पांच सत्य, जो भगवान् श्रीकृष्ण ने पांडवो को बताये थे और आज ये सब हम अपने आस पास भी देख रहे हे दोस्तों ये सभी बांटो को अपने जीवन से जोड़कर देखे तो आप पाएंगे की कलयुग के प्रभाव से ये सभी अवगुण हमारे अंदर हे लेकिन इस कहानी के माध्यम से कुछ सीख लेकर हमे अपने जीवन में आवश्यक बदलाव लाना चाहिए ताकि हमारे जीवन में कलयुग का नहीं बल्कि परमात्मा का प्रभाव हो
जयश्रीकृष्ण

कलयुग में सबसे बड़ा पाप क्या है?

“जीव हत्या” सबसे बड़ा पाप हैं

घोर कलयुग में क्या होने वाला है?

घोर कलियुग में मनुष्य की बुद्धि क्षीण हो जाएगी और उसका जीवन पतन हो जायेगा

निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “श्रीकृष्ण के बताये कलियुग के 5 सत्य” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है |

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