दोस्तों क्या आप “महादेव का दशवा अवतार वृषभ” अवतार के बारेमे जानना चाहते हे ? क्या आप भगवन शिव के अवतार के बारेमे जानना चाहते हे? तो आप सही आर्टिकल पढ़ रहे हो । आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको पूरी जानकारी मिल सके।
1 | Veerabhadra Avatar of Lord Shiva | महादेव का प्रथम वीरभद्र अवतार |
2 | Piplaad Avatar of Lord Shiva | महादेव का द्वितीय पिप्पलाद अवतार |
3 | Nandi Avatar of Lord Shiva | महादेव का तृतीय नंदी अवतार |
4 | Bhairava Avatar of Lord Shiva | महादेव का चौथा भैरव अवतार |
5 | Ashwatthama Avatar of Lord Shiva | महादेव का पाँचवाँ अश्वत्थामा अवतार |
6 | Sharabha Avatar of Lord Shiva | महादेव का छठा शरभावतार |
7 | Grihapati avatar of Lord Shiva | महादेव का सातवाँ गृहपति अवतार |
8 | Durvasa avatar of Lord Shiva | महादेव का आठवाँ ऋषि दुर्वासा |
9 | Hanuman Avatar of Lord Shiva | महादेव का नोवाँ हनुमान अवतार |
10 | Rishabha Avatar of Lord Shiva | महादेव का दसवाँ हनुमान अवतार |
11 | Yatinath Avatar of Lord Shiva | महादेव का ग्यारहवाँ यतिनाथ अवतार |
12 | Krishna Darshan Avatar of Lord Shiva | महादेव का बारहवाँ कृष्णदर्शन अवतार |
13 | Avadhut Avatar of Lord Shiva | महादेव का तेरहवाँ अवधूत अवतार |
14 | Bhikshuvarya Avatar of Lord Shiva | महादेव का चौदहवाँ भिक्षुवर्य अवतार |
15 | Sureshwar Avatar of Lord Shiva | महादेव का पंद्रहवाँ सुरेश्वर अवतार |
16 | Keerat Avatar of Lord Shiva | महादेव का सोलहवाँ किरात अवतार |
17 | Brahmachari avatar of Lord Shiva | महादेव का सत्रहवाँ ब्रह्मचारी अवतार |
18 | Sunatnartak avatar of Lord Shiva | महादेव का अठारहवाँ सुनटनर्तक अवतार |
19 | Yaksheshwar Avatar of Lord Shiva | महादेव का उन्नीसवाँ यक्ष अवतार |
धर्मग्रंथों अनुसार इस अवतार में भगवान शिव ने विष्णु पुत्रों का संहार किया था। जब भगवान विष्णु दैत्यों को मारने पाताल लोक गए तो उन्हें वहां बहुत सी चंद्रमुखी स्त्रियां दिखाई पड़ी। विष्णु ने उनके साथ रमण करके बहुत से पुत्र उत्पन्न किए। विष्णु के इन पुत्रों ने पाताल से पृथ्वी तक बड़ा उपद्रव किया। उनसे घबराकर ब्रह्माजी ऋषिमुनियों को लेकर शिवजी के पास गए और रक्षा के लिए प्रार्थना करने लगे। तब भगवान शंकर ने वृषभ रूप धारण कर विष्णु पुत्रों का संहार किया।
महादेव वृषभ अवतार – The Vrishabha Avatar of Lord Shiva
सामान्य रूप से भगवान् दैत्य शक्ति का संहार करने के लिये धरती पर अवतरित होते हे परन्तु इस बार भगवान शिवजी ने यह वृषभ अवतार भगवान विष्णु के पुत्रो का संहार करने के लिए लिया था | और भगवान विष्णु के दानवीय पुत्रों के अत्याचार से पृथ्वी को बचाया था ।
वृषभ अवतार कथा :
यह उस समय की बात हे जब दैत्य और दानवो के बिच समुद्र मंथन हो रहा था | समुद्र मंथन से कालकूट यानिकि हलाहल ,ऐरावत ,कामधेनु ,कोस्तुभमणि ,कल्पवृक्ष ,रम्भा लक्ष्मी ,मदिरा,चन्दमा,शारंग धनुष,शंख ,गंधर्व और अमृत जैसे १४ रक्त निकले थे|समुद्र मेंसे अमृत कलश की उत्पत्ति हुई तब अमृत कलश को बचाने के लिए भगवान् विष्णु ने अपनी माया से अप्सराओं का सर्जन किया था| वे अप्सरा इतनी सुन्दर थी की सारे दानव अप्सराओं को देखते ही उन पर मोहित हो गए और उन अप्सराओं को अपने साथ पातल लोक ले गए और उन्हें पाताल लोक में बंदी बना लिया|
अप्सराओं को बंदी बनाने के बाद दानव अमृत कलश को पाने पृथ्वी लोक पर वापिस आये।उस समय दरमियान सारे देवतागण अमृत का पान कर चुके थे | यह देख दानव क्रोधित हो गए और देवताओ की और आक्रमण कर दिया | भगवान विष्णु ने दानवो के आक्रमण का जवाब देते हुए उनपर प्रहार किया |
शिव ने क्यों लिया वृषभ अवतार
भगवान विष्णु के प्रहार से बचने के लिए दानव पाताल लोक की और भागने लगे | दानवो को पाताल लोक की और भागता देख भगवान विष्णु उनके पीछे पीछे पाताल लोक की तरफ़ भागने लगे और पाताल लोक में सारे दानवो का विनाश कर दिया |दानवों की मृत्यु के पश्च्यात जिन अप्सराओं को बंदी बनाया गया था उनको मुक्ति दिलाई | भगवान विष्णु को देख वे अप्सराए उन पर मोहित हो गयी और भगवान विष्णुजी को उनका स्वामी बनाने का वरदान मांगा तथा विष्णुजी को उनके के साथ पाताल लोक में रहने को कहा|
भगवान विष्णु और अप्सराए वैवाहिक जीवन व्यतीत करने लगे। कुछ समय बाद विष्णुजी के उन अप्सराएं से पुत्रों का जन्म हुआ परन्तु उनके सारे पुत्र दानवीय अवगुणों वाले थे और राक्षस प्रवृति करने लगे।वे सारे भगवान् विष्णुजी के पुत्र होने के कारण अपने पिता की शक्तिओ के बल पर तीनों लोको में अत्याचर करने लगे | सभी देवता उनकी राक्षस प्रवृति से परेशान हो गए थे। इसलिए वह भगवान शिव के पास गए तथा उनसे इस समस्या का हल माँगा |
शिव और भगवान विष्णु के बीच प्रलयंकारी युद्ध
देवताो की ये स्थिति देख महादेव ने एक बैल का रूप धारण किया | वह भगवान् शिव का वृषभ अवतार था | वृषभ अवतार ले कर महादेव पाताल लोक पहुंचे और भगवान् विष्णु के सारे दानवीय पुत्रों का संहार कर दिया| जब विष्णुजीने अपने वंश का नाश होता हुआ देखा तो उन्होंने वृषभ पर आक्रमण कर दिया| दोने महाशक्ति के बिच युद्ध हो गया | अंत में जिन अप्सराओं ने भगवान् विष्णु को अपने वरदान में बांध रखा था, उन्होंने भगवान् विष्णु को उनके बंधन से मुक्त कर दिया। बंधन से मुक्ती मिलने के बाद भगवान् विष्णु पाताल लोक छोड़कर विष्णुलोक लौट गए।
महादेव का 11 अवतार यतिनाथ | Lord shiva Yatinath avatar
महादेव का बारवा अवतार कृष्णदर्शन – Krishna Darsahn Aavtar of Lord Shiva
FAQ For Lord Shiva Vrishabha avatar
भगवान शिव ने कई अवतार दानवों का विनाश करने के लिए लिये थे वही वृषभ अवतार, विष्णु पुत्रों का संहार करने के लिए लिया था
वृषभ अवतार महादेव का दशवा अवतार हे
देवताओं को विष्णु पुत्रों के आतंक से मुक्त करवाने के लिए भगवान शिव बैल यानि कि “वृषभ” के रूप में पाताल लोक पहुंचे और वहां जाकर भगवान विष्णु के सभी पुत्रों का संहार कर डाला। तभी श्री विष्णु क्रोधित हो उठे जिसके परिणाम स्वरूप हुआ भगवान शिव और भगवान विष्णु के बीच युद्ध
निष्कर्ष
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