दोस्तों क्या आप श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotram Lyrics) हिंदी में पढ़ना चाहते है ? आपसे अनुरोध है की कुछ समय दे कर पुरे लेख को अच्छी तरह से पढ़े ताकि आपको शिव पंचाक्षर स्तोत्र लिरिक्स की पूरी जानकारी मिल सके।
महादेव शिव शंकर की स्तुति के लिए शिव पंचाक्षर स्तोत्र (Shiv Panchakshar Stotram Mantra) लिखा गया स्तोत्र है। इस स्तोत्र मे भगवान शिव के स्वरूप एवं गुणों का बखान किया गया है इसके साथ ही महादेव की वंदना भी की गई है। जब भी आप शिव पूजा करें तो शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पठन अवश्य करे
Shiv Panchakshar Stotram Lyrics Detail:
Singer : | Suresh Wadkar |
Music Director : | J Subhash |
Edit & Gfx : | Prem Graphics PG |
Label : | Music Nova |
Language : | Hindi |
Genre : | Stotram |
शिव पंचाक्षर स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित – Shiv Panchakshar Stotram with Meaning
ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
।। श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ।।
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै “न” काराय नमः शिवाय ॥१॥
अर्थ : जिनके कण्ठ में सर्पों का हार है, जिनके तीन नेत्र हैं, भस्म ही जिनका अंगराग है और दिशाएँ ही जिनका वस्त्र हैं अर्थात् जो दिगम्बर (निर्वस्त्र) हैं ऐसे शुद्ध अविनाशी महेश्वर “न”कारस्वरूप शिव को नमस्कार है
मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै “म” काराय नमः शिवाय ॥२॥
अर्थ : गङ्गाजल और चन्दन से जिनकी अर्चना हुई है, मन्दार-पुष्प तथा अन्य पुष्पों से जिनकी भलिभाँति पूजा हुई है। नन्दी के अधिपति, शिवगणों के स्वामी महेश्वर“म” कारस्वरूप शिव को नमस्कार है
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै “शि” काराय नमः शिवाय ॥३॥
अर्थ : जो कल्याणस्वरूप हैं, पार्वतीजी के मुखकमल को प्रसन्न करने के लिए जो सूर्यस्वरूप हैं, जो दक्ष के यज्ञ का नाश करनेवाले हैं, जिनकी ध्वजा में वृषभ (बैल) का चिह्न शोभायमान है, ऐसे नीलकण्ठ “शि” कारस्वरूप शिव को नमस्कार है
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै “व” काराय नमः शिवाय ॥४॥
अर्थ : वसिष्ठ मुनि, अगस्त्य ऋषि और गौतम ऋषि तथा इन्द्र आदि देवताओं ने जिनके मस्तक की पूजा की है, चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र हैं, ऐसे“व”कारस्वरूप शिव को नमस्कार है
यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै “य” काराय नमः शिवाय ॥५॥
शिव स्तोत्र की सारी लिरिक्स अर्थ सहित आपको यहाँ मिलेगी
अर्थ : जिन्होंने यक्ष स्वरूप धारण किया है, जो जटाधारी हैं, जिनके हाथ में पिनाक है, जो दिव्य सनातन पुरुष हैं, ऐसे दिगम्बर देव “य” कारस्वरूप शिव को नमस्कार है
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
अर्थ : जो शिव के समीप इस पवित्र पञ्चाक्षर स्तोत्र न, म, शि, वा और य अर्थात् नम: शिवाय। का पाठ करता है, वह शिवलोक को प्राप्त होता है और वहाँ शिवजी के साथ आनन्दित होता है।
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Shiv Panchakshar Stotra Meaning (शिव पंचाक्षर स्तोत्र लिरिक्स : मंत्र)
Nagendraharaya Trilochanaya
Bhasmangaragaya Mahesvaraya।
Nityaya Suddhaya Digambaraya
TasmaiNaKaraya Namah Shivaya॥
Meaning in English: The great Shiva Who has the King of Snakes as His Garland and, has Three Eyes in his face, Whose Body is Smeared with Sacred Ashes and Who is the Great Lord The supreme God. Who is Eternal, Who is ever Pure and Who has the Four Directions as His Clothes, Salutations to that Shiva, Who is represented by syllable “Na”, The first syllable of the Panchakshara mantra.
Mandakini Salila Chandana Charchitaya
Nandisvara Pramathanatha Mahesvaraya।
Mandara Pushpa Bahupushpa Supujitaya
Tasmai Ma Karaya Namah Shivaya॥
Meaning in English: Who is Worshipped with Water from the River Mandakini and Smeared with Sandal Paste, Who is the Lord of Nandi and of the Ghosts and Goblins, the Great Lord, Who is Worshipped with Mandara and Many Other Flowers, Salutations to that Shiva, Who is represented by syllable “Ma”, The second syllable of the Panchakshara mantra.
Shivaya Gauri Vadanabja Brnda
Suryaya Dakshadhvara Nashakaya।
Sri Nilakanthaya Vrshadhvajaya
Tasmai Shi Karaya Namah Shivaya॥
Meaning in English: Who is Auspicious and Who is like the Sun Causing the Lotus-Face of mother Gauri to Blossom, Who is the Destroyer of the arrogance of Daksha, Who has a Blue Throat and has a Bull as His Emblem, Salutations to that Shiva, Who is represented by syllable “Shi”, The third syllable of the Panchakshara mantra.
Vashistha Kumbhodbhava Gautamarya
Munindra Devarchita Shekharaya।
Chandrarka Vaishvanara Lochanaya
Tasmai Va Karaya Namah Shivaya॥
Meaning in English: Who is Worshipped by the Best and most Respected Sages like Vasishtha, Agastya and Gautama and also by the Gods and Who is the Crown of the Universe, Who has the Chandra(Moon), Surya (Sun) and Agni(Fire) as His Three Eyes, Salutations to that Shiva, Who is represented by syllable “Va” The fourth syllable of the Panchakshara mantra.
Yagna Svarupaya Jatadharaya
Pinaka Hastaya Sanatanaya।
Divyaya Devaya Digambaraya
Tasmai Ya Karaya Namah Shivaya॥
Meaning in English: Salutations to Shiva, who is the spirit of all Yagyas/Homas (fire offerings and fire worship), Who has matted hair, Who has the Trident in His Hand and Who is Eternal, Who is Divine, Who is the Shining One and Who has the Four Directions as His Clothes (signifying that He is ever Free, Salutations to that Shiva, Who is represented by syllable “Ya”, The fifth syllable of the Panchakshara mantra.
Panchaksharamidam Punyam Yah Pathechchiva।
Sannidhau Shivalokamavapnoti Sivena Saha Modate॥
Meaning in English: Whoever Recites this Panchakshara hymn in praise of the five syllables of Na-Ma-Shi-Va-Ya, He is near Shiva Everytime, and Will Attain the Abode of Shiva and enjoy His Bliss.
Shiv Panchakshar Stotra Lyrics in Gujarati – શ્રી શિવપંચાક્ષરસ્તોત્ર
આ સ્તોત્રની રચના શિવના મહાન ભક્ત, ધર્મચક્રપ્રવર્તક શ્રી આદિ શંકરાચાર્ય દ્વારા કરવામાં આવી હતી
શ્રી શિવપંચાક્ષરસ્તોત્ર
ૐ નમઃ શિવાય
ૐ નમઃ શિવાય
નાગેંદ્રહારાય ત્રિલોચનાય
ભસ્માંગરાગાય મહેશ્વરાય ।
નિત્યાય શુદ્ધાય દિગંબરાય
તસ્મૈ “ન” કારાય નમઃ શિવાય ॥ 1 ॥
ગુજરાતી અર્થ: જેમના કંઠમાં સર્પોનો હાર છે, જેમના ત્રણ નેત્રો છે, ભસ્મ જ જેમનું અનુલેપન છે, દિશાઓ જ જેમના વસ્ત્ર છે (અર્થાત્ જે નગ્ન છે), એવાં શુદ્ધ અવિનાશી મહેશ્વર “ન” કાર સ્વરૂપ શિવજીને નમસ્કાર.
મંદાકિની સલિલ ચંદન ચર્ચિતાય
નંદીશ્વર પ્રમથનાથ મહેશ્વરાય ।
મંદાર મુખ્ય બહુપુષ્પ સુપૂજિતાય
તસ્મૈ “મ” કારાય નમઃ શિવાય ॥ 2 ॥
ગુજરાતી અર્થ: ગંગાજળ અને ચંદનથી જેમની અર્ચના થઈ છે, મંદાર પુષ્પ તથા અન્યોન્ય કુસુમોથી જેમની સુંદર પુજા થઈ છે, એવાં નંદીના અધિપતિ પ્રમથગણોના સ્વામી મહેશ્વર “મ” કાર સ્વરૂપ શિવજીને નમસ્કાર.
શિવાય ગૌરી વદનાબ્જ બૃંદ
સૂર્યાય દક્ષાધ્વર નાશકાય ।
શ્રી નીલકંઠાય વૃષભધ્વજાય
તસ્મૈ “શિ” કારાય નમઃ શિવાય ॥ 3 ॥
ગુજરાતી અર્થ: જે કલ્યાણ સ્વરૂપ છે, પાર્વતીજીના મુખકમળને વિકસિત (પ્રસન્ન) કરવા માટે જે સૂર્ય સ્વરૂપ છે, જે દક્ષના યજ્ઞને નાશ કરનાર છે, જેમની ધ્વજામાં ઋષભનું (આખાલાનું) ચિન્હ છે, એવાં શોભાશાળી નીલકંઠ “શિ” કાર સ્વરૂપ શિવજીને નમસ્કાર.
વશિષ્ઠ કુંભોદ્ભવ ગૌતમાર્ય
મુનીંદ્ર દેવાર્ચિત શેખરાય ।
ચંદ્રાર્ક વૈશ્વાનર લોચનાય
તસ્મૈ “વ” કારાય નમઃ શિવાય ॥ 4 ॥
ગુજરાતી અર્થ: વસિષ્ઠ, અગસ્ત્ય અને ગૌતમ આદિ શ્રેષ્ઠ મુનિઓએ તથા ઇન્દ્ર આદિ દેવતાઓએ જેમના મસ્તકની પૂજા કરી, ચંદ્રમા, સૂર્ય અને અગ્નિ જેમના નેત્ર છે, એવાં “વ” કાર સ્વરૂપ શિવજીને નમસ્કાર.
યજ્ઞ સ્વરૂપાય જટાધરાય
પિનાક હસ્તાય સનાતનાય ।
દિવ્યાય દેવાય દિગંબરાય
તસ્મૈ “ય” કારાય નમઃ શિવાય ॥ 5 ॥
ગુજરાતી અર્થ: જેમણે યક્ષ રૂપ ધારણ કર્યું છે, જે જટાધારી છે, જેમના હાથમાં પિનાક (ધનુષ) છે, જે દિવ્ય સનાતન પુરુષ છે, એવાં દિગંબર દેવ “ય” કાર સ્વરૂપ શિવજીને નમસ્કાર.
પંચાક્ષરમિદં પુણ્યં યઃ પઠેચ્છિવ સન્નિધૌ ।
શિવલોકમવાપ્નોતિ શિવેન સહ મોદતે ॥
ગુજરાતી અર્થ: જે શિવજીની સમીપ આ પવિત્ર પંચાક્ષર પાંચ શ્લોકોમાં અનુક્રમે ન, મ, શી, વા અને ય નો પાઠ કરે છે, તે શિવલોક પ્રાપ્ત કરે છે અને ત્યાં શિવજીની સાથે આનંદિત થાય છે.
Shiv Panchakshar Stotram पंचाक्षर स्त्रोत लिरिक्स | Nagendra Haraya Trilochanaya | Shiva Song
शिव पंचाक्षर स्तोत्र महादेव शिव शंकर की स्तुति के लिए लिखा गया स्तोत्र है। इस स्तोत्र मे भगवान शिव के स्वरूप एवं गुणों का बखान किया गया है इसके साथ ही महादेव की वंदना भी की गई है। जब भी आप शिव पूजा करें तो शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पठन अवश्य करे
ॐ नमः शिवाय : यह मंत्र भगवान शिव के सार का प्रतिनिधित्व करता है। “ओम” परमात्मा का प्रतीक मूल ध्वनि है, “नमः” का अर्थ है “मैं नमन करता हूं,” और “शिवाय” भगवान शिव को संदर्भित करता है। यह मंत्र भगवान शिव को सारी सृष्टि और अस्तित्व के स्रोत के रूप में दर्शाता है। यह मंत्र भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें उमा के नाम से भी जाना जाता है।
शिव पंचाक्षर स्तोत्रम को एक शक्तिशाली मंत्र माना जाता है जो भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करता है। भक्त आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के लिए भक्ति और श्रद्धा के साथ इस स्तोत्र का पाठ करते हैं।
Shiv Panchakshar Stotram – शिव पंचाक्षर स्तोत्र के फायदे?
- भगवान शिव के इस स्त्रोत को करने से मन शांत रहता हे जिससे आपकी परेशानियां दूर जाती है |
- इस स्तोत्र को करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती हे
- शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करता है और उनका आशीर्वाद, कृपा और मार्गदर्शन प्राप्त करने का मार्ग खोलता है।
- यह पंचाक्षर स्तोत्र मन को शुद्ध करने, नकारात्मक प्रवृत्तियों को दूर करने और विनम्रता जैसे सकारात्मक गुणों को विकसित करने में मदद करता है।
- शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा पाने, चुनौतियों को दूर करने में मदद कर सकता है।
- मानसिक अशांति, तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है
- पंचाक्षर स्तोत्रम को मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त करने के लिए एक शक्तिशाली मंत्र माना जाता है।
- स्तोत्र का पाठ भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति, प्रेम और समर्पण की भावना को बढ़ावा देता है।
शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ कब करे?
शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने का सबसे शुभ समय शिवरात्रि और सोमवार को माना जाता है, क्योंकि शिवरात्रि और सोमवार भगवान शिव को समर्पित हैं। हालांकि, शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ आप किसी भी समय और किसी भी दिन कर सकते हैं। क्योकि यह स्त्रोत का प्रतिदिन पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हे
- महाशिवरात्रि: महाशिवरात्रि पर्व पर शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
- सोमवार: सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे महादेव का दिन माना जाता है। आप हर सोमवार को शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।
- श्रावण मास: हिन्दू कैलेंडर के श्रावण मास को शिव मास के रूप में जाना जाता है। इस मास में शिव पंचाक्षर स्तोत्र का नियमित पाठ करने से पुण्य प्राप्त होता है।और मोक्ष की प्राप्ति होती हे
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह के ब्रह्म मुहूर्त में शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने का विशेष महत्व होता है। इस समय आत्मीयता, शांति और स्थिरता का माहौल बनता है और इसलिए इसे ध्यान और साधना के लिए अत्यधिक उपयुक्त माना जाता है।
- पूर्णिमा और अमावस्या: पूर्णिमा और अमावस्या के दिन भी शिव पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ किया जाता है।
पंच अक्षर मंत्र क्या है?
पंचाक्षर मंत्र पांच शक्तिशाली स्वरों (अक्षरों) से मिलकर बना हुआ मंत्र होता है। यह पंच अक्षर स्वर हैं:
- न (Na),
- म (Ma),
- शि (Shi),
- वा (Va),
- य (Ya)
इन पंच अक्षरों का जोड़कर बना मंत्र है, “नमः शिवाय” (Namah Shivaya)।
यह मंत्र हिन्दू धर्म में भगवान शिव का महामंत्र माना जाता है और शिव भक्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। “नमः शिवाय” का अर्थ होता है, “मैं भगवान् शिव को नमस्कार करता हूँ”। यह मंत्र शिव की महिमा, मान्यता, और प्रेम का प्रतीक है और इसका जाप करने से शिव भक्त को शिव की कृपा, आशीर्वाद और साधना की सिद्धि मिलती है।
शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, और श्रावण मास के सोमवार जैसे विशेष अवसरों पर इस मंत्र का जाप किया जाता है। इसके जाप से मन को शांति मिलती है, चित्त शुद्ध होता है, और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खुलता है।
FAQ For Shiv Panchakshar Stotram Mantra
इस स्तोत्र के पाँचों श्लोकों में क्रमशः न, म, शि, वा और य है अर्थात् नम: शिवाय। शिव पंचाक्षर स्तोत्र में 5 श्लोक है।
शिवपंचाक्षर स्तोत्र के रचयिता आदि शंकराचार्य जी हैं।
भगवान् शिव के समीप इस पवित्र पञ्चाक्षर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए | इस स्तोत्र का पाठ छंद तथा लय में होना चाहिए। सुबह का समय उत्तम हे लेकिन आप दिन में कभी भी कर सकते हे लेकिन स्तोत्र पढ़ते समय मन में भाव होना चाहिए
शिव पंचाक्षर स्तोत्र भक्तों में भक्ति भावना को बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें भगवान शिव के समीप लाता है। भगवान शिव के इस स्त्रोत को करने से आपकी मन को शांति मिलती हे जिससे आपकी परेशानियां दूर हो जाती है
निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि भगवान् शिव के “Shiv Panchakshar Stotram Lyrics” शिव पंचाक्षर स्तोत्र हिंदी अर्थ का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है |
भगवान् शिव से जुडी कथाओ के बारेमे जानने के लिए हमारे साथ जुड़े रहे धन्यवाद ! 🙏 हर हर महादेव 🙏