Ramayan ramanand sagar dialogue status by Kumbhkarna – kumbhkarana shreeram samwad ramayan directed by Ramanand Sagar and music by Ravindra Jain. The famous series released on 25 January 1987 – 31 July 1988
सीरियल / Serial | रामायण रामानंद सागर कृत (Ramayan Ramanand Sagar) |
निर्देशक / Director | रामानंद सागर (Ramanand Sagar) |
मूल प्रसारण / Original release | २५ जनवरी १९८७ – ३१ जुलाई १९८ / 25 January 1987 – 31 July 1988 |
मूल चैनल/ Original network | दूरदर्शन (DD National) |
पटकथा और संवाद / Screenplay & Dialogues | रामानंद सागर (Ramanand Sagar) |
छायांकन / Cinematography | अजित नाइक (Ajit Naik) |
संगीत / Music | रवींद्र जैन (Ravindra Jain) |
निर्माता / Producers | रामानंद सागर / आनंद सागर / मोती सागर (Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar) |
संपादक / Editor | सुभाष सहगल (Subhash Sehgal) |
Cast / पात्र | अरुण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी, अरविंद त्रिवेदी, दारा सिंह (Arun Govil, Deepika Chikhalia, Sunil Lahri, Arvind Trivedi, Dara Singh) |
रामायण डायलॉग l कुम्भकर्ण – राम – Ramayan Dialogue Status
तो तुम भी आ गए बहुत अच्छा किया
मैं केवल तुम्हारी ही प्रतीक्षा कर रहा था
मैंने तुम्हारे अनुज को बालक समझ कर छोड़ दिया
हनुमान और सुग्रीव के प्राण भी नहीं लिए
क्योंकि इन छोटे मोटे वानरों को मारने से मुझे क्या यश मिलता
मैं केवल तुम्हारी प्रतीक्षा में अब तक घूम रहा था
बार बार चुनौती दे रहा था की उसे सुनकर शायद तुम्हारी रगों में क्षत्रिय लहू भड़क उठे
और तुम उसी प्रकार मेरे सामने आ जाओ जैसे यम के पुकारने पर जीवात्मा शरीर से बाहर आ जाती है।
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Ramayan ramanand sagar Dialogue Status
Kumbhkarna shreerama samwad
to tum bhee aa gae bahut achchha kiya
main keval tumhaaree hee pareeksha kar raha tha
mainne tumhaare anuj ko baalak samajh kar chhod diya
hanumaan aur sugreev ke praan bhee nahin lie
kyonki in chhote mote vaanaron ko maarane se mujhe kya yash milata
main keval tumhaaree prateeksha mein ab tak ghoom raha tha
baar baar chunautee de raha tha kee use sunakar shaayad tumhaaree ragon mein kshatriy lahoo bhadak uthe
aur tum usee prakaar mere saamane aa jao jaise yam ke pukaarane par jeevaatma shareer se baahar aa jaatee hai
निष्कर्ष :
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