Narayanastra in Mahabharat | अश्वत्थामा नारायणास्त्र कहानी

Narayanastra in Mahabharat | अश्वत्थामा नारायणास्त्र कहानी

क्या आप नारायणास्त्र के बारेमे जानना चाहते हो ? तो आप बहुत ही अच्छी ब्लॉग पर आये है इस ब्लॉग पर श्रीकृष्ण नारायणास्त्र से जुडी हुई जानकारी आपको मिल जाएगी।

अश्वथामा नारायणास्त्र का प्रयोग करते हे | यह पाशुपत के समान ही अत्यंत विकराल और महाविनाशकारी अस्त्र है। इस नारायण अस्त्र से बचाव के लिए कोई भी अस्त्र नहीं है। इस अस्त्र को एक बार छोड़ने के बाद विश्व में कोई भी शक्ति इसका मुकाबला नहीं कर सकती।

जब अश्वत्थामा ने चलाया नारायणास्त्र

महाभारत युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वथाम बहुत क्रोधित हो गए थे उन्होंने पांडव सेना पर बहुत भयानक अस्त्र “ नारायण अस्त्र “ चलाया

इस अस्त्र का कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था क्योकि इस अस्त्र का कोई तोड़ ही नहीं था ठीक वैसे ही आज के इस युग में कोरोना वायरस का तोड़ नहीं हे दोस्तों नारायण अस्त्र जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और उसे तुरंत नष्ट कर देता था

नारायण अस्त्र से बचने का उपाय

उस समय जब युधिष्ठिर ने भगवन श्रीकृष्ण से इस अस्त्र से बचने का उपाय पूछा तब भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा अपनी सेना को आदेश दीजिये की अपने अपने अस्त्र शस्त्र छोड़कर हाथ जोड़कर इस अस्त्र के सामने खड़े हो जाए और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाये यह अस्त्र उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता हे यह अस्त्र स्वयं अपना तेज प्रभाव छोड़कर शांत हो जायेगा

फिरभी भीम ने उस अस्त्र को रोकने का प्रयास किया लेकिन विफल हो गए भगवन श्रीकृष्ण ने कहा यदि आप हाथ जोड़कर खड़े रहेंगे तो नारायण अस्त्रका क्रोध शांत हो जायेगा और यदि अस्त्र उठाकर नारायण अस्त्र का प्रतिकार करने का प्प्रयास भी करेंगे तो यहअस्त्र भयंकर विनास करेगा

ऐसा कहकर भगवान् श्रीकृष्ण जो नारायण का रुअवतार था वे भी अस्त्रके सामने खड़े हो गए दुर्योधन ने यह देखकर पांडवो की हंसी भी उड़ाई

महाबली भीम और नारायण अस्त्र

भीम ने भगवान् श्रीकृष्ण की बात न मानकर नारायण अस्त्र का प्रतिकार करने की लेकिन विफल हो गए आखिर में भीम भगवान् श्रीकृष्ण कीबात मानकर निशस्त्र होकर नम्रता से हाथ जोड़कर नारायण अस्त्र की शरण में जाते हे नारायण अस्त्र धीरे धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया

दोस्तों आज भी ऐसा ही प्रकृति का कहर हमारे सामने हे हमने भी प्रकृति के साथ जो खिलवाड़ किया हे उस पर विचार करना चाहिए और इस प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमे भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़कर अपने पापो कोस्वीकार करके नम्रता से हाथ जोड़कर प्रभु को प्रार्थना करनी चाहिए तभी इस कोरोना जैसे वायरस के कहर से हम बच सकते हे

दोस्तों कोरोना भी अपनी समयविधि पूरी करके शांत हो जायेगा बस हमे कुछ समय के लिए शांत हो जाना चाहिए और प्रभु से प्रार्थना करनी चाहिए

दोस्तों यह भगवान श्रीकृष्ण का बताया हुआ उपाय हे और यह उपाय व्यर्थ नहीं जायेगा

Narayanastra in Mahabharat: YouTube Video

FAQ For Mahabharat Narayanastra (नारायणास्त्र)

नारायणास्त्र किसका अस्त्र हे?

नारायणास्त्र स्वयं भगवान् नारायण का अस्त्र हे

नारायण अस्त्र से बचने का उपाय क्या हे

निशस्त्र होकर नम्रता से हाथ जोड़कर नारायण अस्त्र की शरण में जाने से नारायण अस्त्र धीरे धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो जाता हे

निष्कर्ष
दोस्तों कमेंट के माध्यम से यह बताएं कि “नारायणास्त्र” का यह आर्टिकल आपको कैसा लगा | आप सभी से निवेदन हे की अगर आपको हमारी पोस्ट के माध्यम से सही जानकारी मिले तो अपने जीवन में आवशयक बदलाव जरूर करे फिर भी अगर कुछ क्षति दिखे तो हमारे लिए छोड़ दे और हमे कमेंट करके जरूर बताइए ताकि हम आवश्यक बदलाव कर सके | आपका एक शेयर हमें आपके लिए नए आर्टिकल लाने के लिए प्रेरित करता है |

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