Manavta Ke Man Mandir Me – मानवता के मन मन्दिर में

Manavta Ke Man Mandir Me - मानवता के मन मन्दिर में

Manavta Ke Man Mandir Me Lyrics in Hindi and English from Morning Prayer Album. This Prayer is sung by A Pandey and beautiful music is penned by Ravindra Roy. This Prayer presented by Annu films.

मानवता के मन मंदिर में” एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है जो मानवता के मंदिर का जश्न मनाती है और सभी प्राणियों के प्रति करुणा, प्रेम और सेवा के महत्व पर प्रकाश डालती है। ह प्रार्थना हर इंसान के भीतर दिव्य उपस्थिति पर प्रकाश देती हे

Manavta Ke Man Mandir Me Song Details:

Singer:A Pandey
Music:Ravindra Roy
Lyrics:Traditional
Genre:Prayer
Language:Hindi

Manavta ke Man Mandir me lyrics in Hindi – मानवता के मन मन्दिर में

मानवता के मन मन्दिर में
ज्ञान का दीप जला दो
करुणा निधान भगवान मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो

करुणा निधान भगवान मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो

दुःख दरिद्रता का नाश करो
मानव के कष्ट मिटा दो
अमृत की वर्षा बरसाकर
भूख की आग मिटा दो
खेतों में हरियाली भर दो
धान के ढेर लगा दो

करुणा निधान भगवान मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो

मानवता के मन मन्दिर में
ज्ञान का दीप जला दो
करुणा निधान भगवान मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो

नव प्रभात फिर महक उठे
मेरे भारत की फुलवारी
सब हो एक समान जगत में
कोई न रहे भिखारी
एक बार माँ वसुंधरा को
नव शृंगार करा दो

करुणा निधान भगवान मेरे
भारत को स्वर्ग बना दो
भारत को स्वर्ग बना दो
भारत को स्वर्ग बना दो

जयति जय जय माँ सरस्वतीहे शारदे माँ
वर दे वीणा वादिनिहे हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी
दया कर दान विद्या काहुं करुं विनंती मा आपने
मा सरस्वती तुज नामने जपनारमैत्रीभाव नु पवित्र झरणु

मानवता के मन मन्दिर Manavta ke Man Mandir mein Lyrics in English

maanavata ke man mandir mein
gyaan ka deep jala do
karuna nidaan bhagavaan mere
bhaarat ko svarg bana do

karuna nidaan bhagavaan mere
bhaarat ko svarg bana do

dukh daridrata ka naash karo
maanav kee vipatti mita do
amrt ​​​​ka varshaakar
bhookh kee aag ka paanee do
kheto mein hariyaalee bhar do
dhaan ke dher laga do

karuna nidaan bhagavaan mere
bhaarat ko svarg bana do

maanavata ke man mandir mein
gyaan ka deep jala do
karuna nidaan bhagavaan mere
bhaarat ko svarg bana do

nav prabhaat phir mahak uthe
mere bhaarat kee phulavaaree
sab ho ek dhaarmik jagat mein
nahin rahe bhikhaaree
ek baar maan vasundhara ko
nav shrrngaar karen

karuna nidaan bhagavaan mere
bhaarat ko svarg bana do
bhaarat ko svarg bana do
bhaarat ko svarg bana do

करुना निधान भगवान् मेरे भारत को स्वर्ग बना दो – मानवता के मन मन्दिर में

यह प्रार्थना सभी व्यक्तियों के साथ प्रेम, करुणा और दया के साथ व्यवहार करने के महत्व पर प्रकाश डालती है। प्रार्थना प्रत्येक मनुष्य के भीतर दिव्य उपस्थिति को पहचानती है और मानवता की भावना को पोषित करने और संरक्षित करने का आह्वान करती है।

गीत : मानवता के मन मन्दिर में ज्ञान का दीप जला दो

  • गायकः पाण्डेय
  • संगीत: रवींद्र रॉय
  • गीत: पारंपरिक
  • शैली: वरीयता
  • भाषा: हिन्दी

निष्कर्ष

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