भगवान् परशुराम ने कर्ण को क्यों श्राप दिया क्या वजह थी जिसके कारन भगवान् परशुराम ने सूर्यपुत्र कर्ण को श्राप दिया
Mahabharat Karna Parshuram Samwad Dialogue status
परशुराम ने कर्ण को श्राप क्यों दिया ?
परशुराम कहते हे
कल ही का
तो एक दिन हे
सूर्यपुत्र कर्ण
बस कल ही का
तो एक दिन हे
और इसी
एक दिन के लिए ही
तो मेने तुम्हे
श्राप दिया था
हे पुत्र इस युद्ध में
विजयी होने से तुम्हे
कुछ नहीं मिलेगा
यदि वासुदेव श्रीकृष्ण के
होते हुए तुम विजयी हो भी गए
तब भी कंगाल हो जाओगे
हे दानवीर कर्ण
विजय पर
केवल पांडवों का
अधिकार हे
और तुम लेने के लिए प्रसिध्द नहीं हो कर्ण
तुम देने के लिए प्रसिद्ध हो
अपने भाग्य से संधि कर लो
अभिमन्यु की हत्या में
भाग लेकर
तुम दुर्योधन
के ऋण से
मुक्त हो चुके हो
सब कुछ जानकार भी
अनजान न बनो
मेरे आशीर्वाद की छाया में जाओ कर्ण
मृत्यु लोक हो चाहे स्वर्ग लोक
जब भी वीरो महावीरों की सभा में
तुम्हारा नाम लिया जायेगा
सभी वीर खड़े होकर तुम्हारे नाम का
जयजयकार करेंगे
YouTube Video: Parsuram Karna Samwad
Mahabharat Karna Parshuram Samwad Dialogue status in English
parashuraam kahte he
kal hee ka
ek ghante tak
sooryaputr karn
bas kal hee ka
ek ghante tak
aur
ek din ke lie hee
to mene
shraap tha
is ladaee mein
vijayee hone se
kuchh nahin
vaasudev shreekrshn ke
vijayee ho gae the
bhee kangaal
he devaveer karn
vijay par
paandavon ka
adhikaarik he
aur aap ke lie prasiddh nahin ho karn
aap jis tarah ke lie charchit hon
apane bhaagy se sandhi kar lo
abhimanyu kee hatya mein
bhaag
tum duryodhan
ke se
khulee hava mein
kuchh jaanakaaree bhee
na bano
aasheervaad
mrtyu lok holok lok
kab bhee veero mahaaveeron kee baithak
samasya ka naam
sabhee veer aahaar mere naam ka
jayajayakaar
कर्ण जन्म से क्षत्रिय था पर वह रथ चालाक के घर पालकर बड़ा हुआ था। इसलिए वह गुरु द्रोण का शिष्य नहीं बन पाया फिर कर्ण ने परशुराम से जूथ बोलकर शिक्षा ग्रहण की लेकिन जब कर्ण की सच्चाई परशुराम को पता चली को इसका नतीजा कर्ण को भुगतना पड़ा।