Home Stotram गोपाल स्तुति : नमो विश्वस्वरूपाय – Gopal Stuti with Hindi Meaning

गोपाल स्तुति : नमो विश्वस्वरूपाय – Gopal Stuti with Hindi Meaning

Gopal Stuti with Meaning - गोपाल स्तुति : नमो विश्वस्वरूपाय

Gopal Stuti with Hindi Meaning is a devotional hymn dedicated to Lord Krishna, who is also referred to as Gopal, Govinda, Mukunda, and other divine names. The stuti consists of verses that describe the divine qualities and attributes of Lord Krishna, emphasizing his role as the ultimate source of joy and fulfillment for his devotees.

गोपाल स्तुति भगवान कृष्ण को समर्पित एक भक्ति भजन है। यह एक ऐसी रचना है जो भगवान कृष्ण के दिव्य स्वरूप के विभिन्न पहलुओं और माता यशोदा के प्रिय पुत्र के रूप में उनकी भूमिका की प्रशंसा और महिमा करती है।

Album : गोपाल स्तुति : नमो विश्वस्वरूपाय
Video :Gopa Stuti Lyrics
Related :Lord Krishna (भगवान कृष्ण)
Genre : Stotram
Religion : Hinduism

इसे भक्तों द्वारा भगवान के प्रति अपने प्रेम और समर्पण की पूजा और अभिव्यक्ति के रूप में सुनाया जाता है। यह एक शक्तिशाली स्तुति मानी जाती है जो भगवान कृष्ण का आशीर्वाद और कृपा मांगती है।

गोपाल स्तुति में भगवान कृष्ण की सुंदरता और गोप और गोपियों के साथ उनकी बातचीत, उनकी पालक माँ यशोदा के साथ उनके स्नेहपूर्ण रिश्ते और उनके दिव्य कृत्यों और चमत्कारों की प्रशंसा की गई है। भक्त भगवान कृष्ण का आशीर्वाद, सुरक्षा और सांसारिक कष्टों से मुक्ति की कामना करते हुए, बड़ी भक्ति के साथ गोपाल स्तुति का पाठ करते हैं। इसका जप अक्सर कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान किया जाता है, जो भगवान कृष्ण की जयंती का शुभ अवसर है।

श्री गोपाल स्तुति लिरिक्स हिंदी अर्थ सहित – Gopal Stuti Lyrics with Meaning

नमो विश्वस्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।
विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः॥1॥

सम्पूर्ण जगत् ही जिनका स्वरूप है, जो जगत् के पालनकर्ता एवं संहार के एकमात्र कारण हैं और स्वयं ही विश्वमय एवं एकमात्र इस जगत् के अधिष्ठाता हैं, ऐसे उन भगवान् गोविन्द को बारम्बार प्रणाम है ॥1

नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।
कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः॥2॥

हिंदी में अनुवाद: जो विज्ञानमय तथा परम आनन्दमय हैं और जो प्राणिमात्र को अपनी तरफ आकृष्ट कर लेने में पूर्ण सक्षम हैं, ऐसे उन गोपसुन्दरियों के प्राणाधार भगवान् श्री गोविन्द के लिए बारम्बार नमन-वन्दन है॥2

नमः कमलनेत्राय नमः कमलमालिने।
नमः कमलनाभाय कमलापतये नमः॥3॥

हिंदी में अनुवाद: जो अपने दोनों चक्षुओं में कमल की सुन्दर आभा को धारण किये हुए हैं, गले में कमल पुष्पों की माला धारण किये हुए हैं, जिनकी नाभि से कमल उत्पन्न हुआ है, ऐसे उन भगवान् कमलापति ( श्रीकृष्ण) को नमस्कार है॥3

बर्हापीडाभिरामाय रामायाकुण्ठमेधसे।
रमामानसहंसाय गोविन्दाय नमो नमः॥4॥

हिंदी में अनुवाद: जिनके मस्तक पर मोरपंख सुशोभित हो रहा है, जिन ( श्रीकृष्ण) में सभी का मन रमण करता रहता है, जिनकी बुद्धि और स्मरणशक्ति कभी कुण्ठित नहीं होती और जो रमा, गोपसुन्दरीगण एवं श्रीराधा जी के मानस के राजहंस हैं, ऐसे उन भगवान् गोविन्द को बारम्बार प्रणाम है ॥4

कंसवशविनाशाय केशिचाणूरघातिने।
कालिन्दीकूललीलाय लोलकुण्डलधारिणे॥5॥

हिंदी में अनुवाद: जो कंस के वंश का विनाश करने वाले तथा केशी एवं चाणूर के घातक हैं। जो भगवान् वृषभध्वज (शिवजी) के भी वन्दनीय हैं, उन पार्थसारथि भगवान् श्रीकृष्ण के लिए बारम्बार नमन-वन्दन है ॥5

वृषभध्वज-वन्द्याय पार्थसारथये नमः।
वेणुवादनशीलाय गोपालायाहिमर्दिने॥6॥

हिंदी में अनुवाद: वंशी (वेणु) वादन ही जिनकी सहज वृत्ति है, जो समस्त गौओं के पालक हैं तथा जो कालियानाग का मान-मर्दन करने में समर्थ हैं। कालिन्दी के सुन्दर तट पर कालियाह्रद में नाग के फणों पर ओ चञ्चल गति से अविराम लास्य-लीला में संलग्न हैं । जिनके कानों में स्थित कुण्डल गतिशीलता के कारण हिलते हुए झिलमिला रहे हैं।6

बल्लवीवदनाम्भोजमालिने नृत्यशालिने।
नमः प्रणतपालाय श्रीकृष्णाय नमो नमः॥7॥

हिंदी में अनुवाद: जिनके श्री-अंग खिले हुए कमल की माला से सुशोभित हो रहे हैं और जो नर्तन में संलग्न होने के कारण अत्यधिक शोभायमान हो रहे हैं, उन शरणागत वत्सल भगवान् श्रीकृष्ण को बारम्बार नमस्कार है ॥7

नमः पापप्रणाशाय गोवर्धनधराय च।
पूतनाजीवितान्ताय तृणावर्तासुहारिणे॥8॥

हिंदी में अनुवाद: जो (भगवान् श्रीकृष्ण) पाप एवं पापी-असुरों के विध्वंशक हैं, ( व्रजवासियों की रक्षा हेतु अपने हाथ की एक अँगुली पर ) गोवर्धन पर्वत को धारण करने वाले हैं, पूतना के प्राणों का अन्त करने वाले और तृणावर्त असुर का संहार करने वाले हैं ( उन भगवान् श्रीकृष्ण को नमस्कार है ) ॥8

निष्कलाय विमोहाय शुद्धायाशुद्धवैरिणे।
अद्वितीयाय महते श्रीकृष्णाय नमो नमः॥9॥

हिंदी में अनुवाद: जो कलाओं से परे हैं, जिनमें मोह का सर्वथा अभाव है, जो स्वरूप से ही परम पवित्र एवं श्रेष्ठ हैं, अशुद्ध स्वभाव एवं आचरण से युक्त रहने वाले असुरों के शत्रु हैं और जिनसे पृथक् और कोई नहीं है, ऐसे महान् भगवान् श्रीकृष्ण को बारम्बार प्रणाम है॥9

प्रसीद परमानन्द प्रसीद परमेश्वर।
आधि-व्याधि-भुजंगेन दष्ट मामुद्धर प्रभो॥10॥

हिंदी में अनुवाद: हे परम आनन्दस्वरूप परमेश्वर ! (आप) मुझ पर प्रसन्न हों, प्रसन्न हों। हे प्रभो! मुझे आधि-व्याधि (मानसिक एवं शारीरिक व्यथा) रूपी सर्पों ने डस लिया है, कृपा करके मेरा उन व्यथाओं से उद्धार करें ।।10

श्रीकृष्ण रुक्मिणीकान्त गोपीजनमनोहर।
संसारसागरे मग्नं मामुद्धर जगद्गुरो॥11॥

हिंदी में अनुवाद: हे श्रीकृष्ण! हे रुक्मिणीवल्लभ ! हे गोप-सुन्दरियों के चित्त का हरण करने वाले श्याम सुन्दर! मैं इस संसार सागर में डूब रहा हैं। हे जगद्गुरो! आप मेरा उद्धार करें ॥11

केशव क्लेशहरण नारायण जनार्दन।
गोविन्द परमानन्द मां समुद्धर माधव॥12॥

हिंदी में अनुवाद: हे केशव! हे क्लेशहरण करने में समर्थ नारायण! हे जनार्दन ! है परमानन्दमय गोविन्द ! है माधव! आप कृपा करें, मेरा उद्धार करें ॥12

॥ इत्याथर्वणे गोपालतापिन्युपनिषदन्तर्गता गोपालस्तुति समाप्त ॥

Gopal Stuti Lyrics with Meaning in English

Namō Viśvasvarūpāya Viśvasthityantahētavē.
Viśvēśvarāya Viśvāya Gōvindāya Namō Namaḥ.1.

Namō Vijñānarūpāya Paramānandarūpiṇē.
Kr̥ṣṇāya Gōpīnāthāya Gōvindāya Namō Namaḥ.2.

Namaḥ Kamalanētrāya Namaḥ Kamalamālinē.
Namaḥ Kamalanābhāya Kamalāpatayē Namaḥ.3.

Bar’hāpīḍābhirāmāya Rāmāyākuṇṭhamēdhasē.
Ramāmānasahansāya Gōvindāya Namō Namaḥ.4.

Kansavaśavināśāya Kēśicāṇūraghātinē.
Kālindīkūlalīlāya Lōlakuṇḍaladhāriṇē.5.

Vr̥ṣabhadhvaja-Vandyāya Pārthasārathayē Namaḥ.
Vēṇuvādanaśīlāya Gōpālāyāhimardinē.6.

Ballavīvadanāmbhōjamālinē Nr̥tyaśālinē.
Namaḥ Praṇatapālāya Śrīkr̥ṣṇāya Namō Namaḥ.7.

Namaḥ Pāpapraṇāśāya Gōvardhanadharāya Ca.
Pūtanājīvitāntāya Tr̥ṇāvartāsuhāriṇē.8.

Niṣkalāya Vimōhāya Śud’dhāyāśud’dhavairiṇē.
Advitīyāya Mahatē Śrīkr̥ṣṇāya Namō Namaḥ.9.

Prasīda Paramānanda Prasīda Paramēśvara.
Ādhi-Vyādhi-Bhujaṅgēna Daṣṭa Māmud’dhara Prabhō.10.

Śrīkr̥ṣṇa Rukmiṇīkānta Gōpījanamanōhara.
Sansārasāgarē Magnaṁ Māmud’dhara Jagadgurō.11.

Kēśava Klēśaharaṇa Nārāyaṇa Janārdana.
Gōvinda Paramānanda Māṁ Samud’dhara Mādhava.12.

Ityātharvaṇē Gōpālatāpin’yupaniṣadantargatā Gōpālastuti Samāpta

अंतिम बात :

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